Premanand Maharaj Ji की कहानी: भक्ति, तपस्या और बीमारी से जंग | Dr Vivek Bindra
राधानिकुंज आश्रम में रहने वाले प्रेमानंद महाराज जी का जन्म एक Devotee Family में हुआ था, जो संतों की सेवा में समर्पित थी। पांचवीं कक्षा से ही उन्होंने गीता पाठ शुरू कर दिया था। 13 वर्ष की उम्र में, ईश्वर की खोज में उन्होंने अपना घर त्याग दिया और कई वर्षों तक कठोर तपस्या और मंत्र जाप किए। लेकिन पिछले 20 वर्षों से वे Polycystic Kidney Disease से जूझ रहे हैं, जिसके कारण वे सही ढंग से भोजन भी नहीं कर पाते। इसके बावजूद, उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनी रहती है। डॉक्टर्स ने कई साल पहले ही कह दिया था कि उनका जीवन अधिक लंबा नहीं रहेगा, लेकिन उनकी राधारानी के प्रति अटूट भक्ति ने न सिर्फ उन्हें जीवित रखा, बल्कि प्रसन्नता का आशीर्वाद भी दिया। श्रीमद्भगवद्गीता की गहरी शिक्षाओं को और बेहतर समझने के लिए Dr Vivek Bindra के YouTube चैनल पर "Gita in Action" सीरीज अभी जाकर देखें! #GitainAction #BhagwadGita #PremanandMaharajJi #DrVivekBindra #BadaBusiness #Shorts
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