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Saturday, April 5, 2025

New video by Dr. Vivek Bindra: Motivational Speaker on YouTube

बिश्नोई समाज, हमें आपकी ज़रूरत है!
आज तेलंगाना में हरे-भरे पेड़ों को तेजी से काटा जा रहा है, जिससे अनगिनत जानवरों की जान दांव पर लगी है। लेकिन समाज का एक रूप ऐसा भी है — जहां हरियाली बचाने के लिए बिश्नोई समाज के सैकड़ों लोगों ने अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। 1730 में, सिर्फ एक खेजड़ी के पेड़ को बचाने के लिए 363 लोगों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी। जब जोधपुर के महाराजा अजय सिंह को अपने महल के लिए लकड़ियों की ज़रूरत पड़ी, तब अमृता देवी नाम की एक बिश्नोई महिला आगे आईं। वो पेड़ से लिपट गईं और बोलीं — “पेड़ काटने से पहले मेरी जान लेनी होगी।” बाद में, उनकी तीन बेटियों समेत 363 लोगों ने उस एक पेड़ के लिए अपने प्राण दे दिए। सोचिए, अगर आज पर्यावरण बचाने की ज़िम्मेदारी बिश्नोई समाज के हाथों में होती, तो क्या यूँ ही जंगल बेरहमी से काटे जाते? आपका क्या मानना है? कॉमेंट करके ज़रूर बताएं। #BishnoiSamaj #AmritaDevi #SaveTrees #EnvironmentMatters #GreenIndia #StopDeforestation #RealHeroes #Hyderabad #DrVivekBindra #SaveHyderabadForest #ActForWildlife #Shorts


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