जानिए क्या है हनुमान जी, गोवर्धन पर्वत और प्रभु श्री कृष्ण की ये अनसुनी कहानी | Dr Vivek Bindra
भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाने की कहानी तो हम सभी जानते हैं। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण को ऐसा हनुमान जी दिए हुए एक वचन के कारण करना पड़ा था। ये बात त्रेतायुग की है जब माता सीता को लंका से वापस लाने के लिए प्रभु श्री राम वानर सेना के साथ मिलकर सेतु बना रहे थे। सेतु निर्माण के लिए बहुत सी शिलाओं की ज़रूरत थी, जिसके लिए हनुमान जी दूर दूर तक भ्रमण कर रहे थे। तब उत्तर दिशा में उन्हें पर्वतराज गोवर्धन मिले, हनुमान जी ने उनसे सेतु निर्माण में अपना सहयोग देने को कहा। इसके साथ ही हनुमान जी ने उन्हें ये वचन भी दिया कि सेतु निर्माण से पहले प्रभु श्रीराम उन्हें स्पर्श ज़रूर करेंगे। इसके बाद हनुमान जी ने गोवर्धन पर्वत को अपनी हथेली पर उठाया और सेतु निर्माण की ओर चल दिए। लेकिन रास्ते में ही उन्हें पता चला कि सेतु निर्माण का कार्य पूरा हो गया है अब और शिलाओं की ज़रूरत नहीं है। इसीलिए हनुमान जी ने गोवर्धन पर्वत को ब्रजभूमि में ही उतार दिया क्योंकि प्रभु श्री राम आदेश था कि सेतु निर्माण होते ही जो चीज जहां है उसे वहीं छोड़ दिया जाए। हनुमान जी ने आदेश का मान रखते हुए गोवर्धन पर्वत को बृज की भूमि में ही उतार दिया। लेकिन भगवान को अपने भक्त हनुमान का दिया वचन को याद रहा और उन्होंने द्वापर युग में श्रीकृष्ण के रूप में गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर उन्हें स्पर्श किया। आप सभी को गोवर्धन पूजा के इस शुभ अवसर पर ढेरों शुभकामनाएं। #DrVivekBindra #DrVivekBindraMotivationalSpeaker #Diwali #DiwaliSpecial #MaaLakshmi #HappyDiwali #Motivation #Festival #Govardhan #Diwali2024 #Shorts #GovardhanParvat #GovardhanPuja #HanumanJi #ShriRam #shriKrishna
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