जानिए कैसे यमराज के कहर से बचाएगा भाई दूज का तिलक | Dr Vivek Bindra #shorts
दिवाली के बाद भाई दूज का त्योहार मनाने के पीछे एक विशेष कारण है। सूर्य देव और उनकी पत्नी संज्ञा के दो संतानें थीं - यमराज और यमुना। यमराज पापियों को दंड देने के लिए यमपुरी में रहते थे, जो उनकी कोमल हृदय वाली बहन यमुना के लिए दुखद था। इसलिए, यमुना ने यमपुरी से दूर गोलोक में रहने का निश्चय किया, जिससे दोनों भाई-बहन अलग हो गए। यमुना अपने भाई को बहुत याद करती थीं, इसीलिए वे समय-समय पर यमराज को अपने पास आने का निमंत्रण भेजा करती थीं। कार्तिक शुक्ल पक्ष के दिन यमराज ने अपनी बहन यमुना के यहाँ जाने का निर्णय लिया। वहाँ जाने से पहले उन्होंने नरक में रहने वालों को मुक्त कर दिया ताकि यमुना प्रसन्न हों। जब यमराज गोलोक पहुँचे, तो यमुना ने तिलक करके उनका स्वागत किया और स्वादिष्ट भोजन परोसा। अपनी बहन के आतिथ्य से प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना नदी में स्नान करके अपनी बहन से तिलक करवाएगा, उसे यमलोक नहीं जाना पड़ेगा। तब से भाई दूज का यह पर्व मनाया जाता है, जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। आपके समस्त परिवार को भाई दूज के प्रेम भरे पर्व की ढेरों शुभकामनाएं। #DrVivekBindra #BadaBusiness #BhaiDooj #AncientStories #IndianFestival #IndianCulture #Yamraj #Yamuna #IndianFestival #DrVivekBindraMotivationalSpeaker #DrVivekBindraMotivation
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